रामफल मंडल (शहीद)
रामफल मंडल, शहीद हमारे,
उनकी शहादत बनी अमर निशानी।
जिसने साहस भरा रास्ता दिखाया,
आज़ादी के रणबाँकुरों को।
६ अगस्त १९२४ को जन्मे,
बाजपट्टी सीतामढ़ी गोखुल मंडल के आँगन में।
२४ अगस्त १९४२ के आंदोलन में,
सबसे आगे वीर सपूत।
१ सितंबर १९४२ को हुई गिरफ्तारी,
२३ अगस्त १९४३ को चढ़ा दी फाँसी।
अंग्रेजों को था इनसे डर,
लेकिन रामफल मंडल ठहरे निडर।
भारत के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी,
उन जैसे लाखों वीरों ने आजादी दिलाई।
रामफल मंडल ने दिया बलिदान,
हँसकर फांसी को चूमा।
उनके बलिदान से जगा हिंदुस्तान,
हुआ चारो और जीत का जश्न।
भारत माता के लिए उनका समर्पण,
उनकी अमरता सुंदर होगी।
अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष को,
जिसने माना जीवन का आधार।
रामफल मंडल के शहादत को,
हम याद रखेंगे उनकी विरासत को।
©✍️ शशि धर कुमार