रामचरित मानस रचा
महिमा गाई राम की,किया खूब गुणगान ।
रामचरित मानस रचा,अद्भुत गृंथ महान ।।
रामचरित मानस रचा,कविवर तुलसीदास ।
उड़ा रहे अब धूर्त गण, इस पर भी उपहास।।
रमेश शर्मा.
महिमा गाई राम की,किया खूब गुणगान ।
रामचरित मानस रचा,अद्भुत गृंथ महान ।।
रामचरित मानस रचा,कविवर तुलसीदास ।
उड़ा रहे अब धूर्त गण, इस पर भी उपहास।।
रमेश शर्मा.