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24 Nov 2023 · 1 min read

* जगेगा नहीं *

गीतिका
~~
सही वक्त पर जो जगेगा नहीं।
पता राह का फिर, मिलेगा नहीं।

निभाएं हमेशा किए वायदे।
कठिन फल भुगतना पड़ेगा नहीं।

उसे है उठानी, बहुत मुश्किलें।
कठिन हाल में जो ढलेगा नहीं।

सही राह चुनना जरूरी बहुत।
भटकना हमें फिर पड़ेगा नहीं।

बिना अर्थ कोई नहीं कार्य है।
यहां मित्र यूं ही मिलेगा नहीं।

रहेगा उसे लक्ष्य पाना सहज।
कभी व्यर्थ जो पल करेगा नहीं।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २३/११/२०२३

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