रात
मिलो और एक रात लिख दो,
हमारे बीच अधूरी है जो,
वो एक बात लिख दो,
लिख दो कि प्रेम में हो तुम भी,
बन्द पड़े जज़्बात लिख दो…
ज़ुल्फ़ को फैला कर,
कर दो छाँव जीवन में,
दो आँखों से लिख दो,
मेरे नाम हज़ार सपने,
अपनी बिंदी से कहो,
सूरज बन कर दे उजियारा,
होंठो के नीचे तिल से,
अपना दिल लिख दो,
अपनी मुस्कुराहट से,
इंद्रधनुष की सौगात लिख दो…
इस कविता को ओढ़ लो,
पिघल जाओ शब्द की गर्मी से,
तुम लय बन कर,
बहो धमनियों में एहसास बन कर,
तुम रहो न मेरी प्यास बन कर,
फिर बादल बन कर,
उड़ो मेरे मन के आकाश पर,
तुम रूप और नेह की,
बरसात लिख दो,
ऐसा करो, जल्दी मिलो,
और एक रात लिख दो…♥️