रात ने खबर दी है
रात ने खबर दी है
बहुत हो चुकी है
भागमभाग दिन भर की
आओ मेरे आगोश में खो जाओ
भुला दो तपन दिन की
सो जाओ सुकूँ की नींद
छुपा लूँगी बाहों में तुमको
सितारों से टँकी दूँगी चादर
पहरा रहेगा स्याह रातों का
खुला आसमाँ बिछौना होगा
-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच,उ०प्र० )