रात नहीं कहता
कोई किसी से हर बात नही कहता
अपने दिल के हर जज़्बात नहीं कहता |
कभी कुछ तो कभी कुछ छुपाता है
दिन तो कहता है मगर रात नहीं कहता |
किसी का दामन इतना पाक नहीं होता
कोई नहीं जो नापाक नहीं होता |
कुछ न कुछ तो लिख ही जाता है
जीवन अनंत कभी कोरा कागज नहीं होता |