“राजनीति”
“राजनीति”
क्रूर, कुटिल, कटु, कंटक
नहीं है मेरा काम,
मगर दुनिया में हर जगह
मानव कर रहा बदनाम।
सत्य-पथ पर जो चलते
उनके होते गौरव-गान,
घृणा नहीं विशुद्ध प्रेम हूँ मैं
मेरा यही सच्चा मुकाम।
“राजनीति”
क्रूर, कुटिल, कटु, कंटक
नहीं है मेरा काम,
मगर दुनिया में हर जगह
मानव कर रहा बदनाम।
सत्य-पथ पर जो चलते
उनके होते गौरव-गान,
घृणा नहीं विशुद्ध प्रेम हूँ मैं
मेरा यही सच्चा मुकाम।