ईमानदारी-एक जीवनशैली
जीवन पथ पर बढ़ना हो तो उच्च आदर्शों का आलिंगन कर लो,
जीवन के हर प्रवाह को इमान की रजत कणो से भर लो ।
जीवन में छल-प्रपंच न बेईमानी की बात करो तुम,
सरल जीवन, उच्च विचार व करुणा से स्वयं का श्रृंगार करो तुम।
नदीयों, पौधों और पुष्पो को कभी छल करते देखा तुमने,
फिर भी कभी उन्हे मार्ग पर रूकते देखा तुमने।
फिर भी क्या विचार कर कलुषित राहो पर चल पड़ते हो,
जाने, अनजाने अपने ही जीवन धारा पर दागों की रेखा गढ़ते हो।
चलो उठो अब दृढ़ संकल्प करो नैतिक मूल्यों के गीत गढ़ो,
कर्तव्यों पर अडिग रहो, सेवा पर सजग रहो प्रगति पथ को चढ़ो।
भष्ट्राचार मुक्त समाज बने ऐसे कदम उठाये हम
मिल जुल कर कुछ ऐसा कर जाये हम।
नव निहाल प्रेरित हो, उन्नति पर देश चले,
ऐसा सूरज आये भष्ट्राचार मुक्त सवेरा लाये।
ईमानदारी का पुष्प खिले और चहुँ दिशा खिल-खिलाये
ऐसा सूरज आये, ऐसा सूरज आये।