“रहमत”
“रहमत”
डूबते के लिए बहुत है
तिनके का सहारा,
गम की बदली छाए तो
सूरज सा दीदार दे।
रब की रहमत से ‘किशन’
साहिल मिल जाए,
डूबती हुई कश्ती में अब
नाविक को पतवार दे।
“रहमत”
डूबते के लिए बहुत है
तिनके का सहारा,
गम की बदली छाए तो
सूरज सा दीदार दे।
रब की रहमत से ‘किशन’
साहिल मिल जाए,
डूबती हुई कश्ती में अब
नाविक को पतवार दे।