रहने दें अभी।
मापनी:-
2122-2122-2122-212
बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
जो कहो तो राज वो हम, राज रहने दें अभी।
हर दिखावे का सभी को, नाज़ रहने दें अभी।।
नाम गुम जिन के हुए हैं, राग उनके भूल कर।
बेसुरों के महफिलों में, साज रहने दें अभी।।
खुश रहे दुश्मन हमारे, जान जिम्मेदारियां।
सर सजे कांटो भरे जो, ताज रहने दें अभी।।
आज रक्षक कौन होगा, चीख कर चिड़िया कहे।
हो परिंदों का भला तो, बाज रहने दें अभी।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २४/०१/२०२२)