Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

निष्ठुर संवेदना

दुष्कर पथ, प्रस्तर के टीले
तप्त मार्ग , तपते रहना है l
पथ अवरुद्ध करे यदि बाधा ,
नित संघर्ष करते रहना है l
भावहीन चक्षुओं ने अनगिनत
विध्वंस के दृश्य संजोये ,
गर्भ में उनके निर्माणों के
बीज स्वतः ही हमने बोये ,
भय मुक्त हो झंझावत से
निरन्तर चलते रहना है l
दुष्कर पथ, प्रस्तर के टीले
तप्त मार्ग , तपते रहना है l
कतिपय निष्ठुर संवेदनाओं को
दुत्कारा प्रति क्षण हमने तो ,
संशय पूर्ण हृदय में खोजा
प्रसन्नता का कण हमने तो ,
पड़ा बिखरना तो सुगंध बन
सुमनो सा खिलते रहना है l
दुष्कर पथ, प्रस्तर के टीले
तप्त मार्ग , तपते रहना है l
भावनाओं के भीषण रण में
तीर विषैले किधर से आए ,
मंद मंद स्मित अधरों ने
ज्वालामय व्यंग बाण चलाए ,
किन्तु बुझा कर कटुता दीपक
अश्रुओं में ढ़लते रहना है l
दुष्कर पथ, प्रस्तर के टीले
तप्त मार्ग , तपते रहना है l

5 Likes · 2 Comments · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*युद्ध*
*युद्ध*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2884.*पूर्णिका*
2884.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
Manoj Mahato
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
"लघु कृषक की व्यथा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
* धीरे धीरे *
* धीरे धीरे *
surenderpal vaidya
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
Ashish shukla
दाता
दाता
Sanjay ' शून्य'
8--🌸और फिर 🌸
8--🌸और फिर 🌸
Mahima shukla
दोस्ती का एहसास
दोस्ती का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
"ഓണാശംസകളും ആശംസകളും"
DrLakshman Jha Parimal
राम जपन क्यों छोड़ दिया
राम जपन क्यों छोड़ दिया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
बात बात में लड़ने लगे हैं _खून गर्म क्यों इतना है ।
बात बात में लड़ने लगे हैं _खून गर्म क्यों इतना है ।
Rajesh vyas
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तात
तात
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Er. Sanjay Shrivastava
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
💐प्रेम कौतुक-444💐
💐प्रेम कौतुक-444💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज उन असंख्य
आज उन असंख्य
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
Loading...