रसिया यूक्रेन युद्ध दृश्य
चारो ओर अब हाहाकार मचा है,
मानव जीवन न अछूता बचा है।
त्राहि त्राहि है अब चारो तरफ,
विश्व युद्ध का अब डंका बजा है।।
विज्ञान का दुरुपयोग हुआ है,
मानवता का कत्ल ए आम हुआ है।
विश्व शांति को छोड़कर अब,
शक्तियों का दुरुपयोग हुआ है।।
कौन किसका साथ अब देगा,
ये तो बाद में ही पता चलेगा।
अभी तो युद्ध के बादल छाए,
जब ये युद्ध निर्णायक होगा।।
हो रही है मिसाइलों की वर्षा,
चारो तरफ महायुद्ध की चर्चा।
अभी तक दोनो ही अड़े हुए है,
पता नही कब होगी शांति वर्षा।।
युद्ध के मोर्चो पर वे अड़े हुए है,
एक दूजे के समक्ष वे खड़े हुए हैं।
युद्ध विराम का नाम न वे लेते ,
दोनो के माथों पर बल पड़े हुए है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम