Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2018 · 1 min read

रसलीन संजय

रसलीन संजय
सदा सरस,रसलीन संजय
कविता नई,पर वही कहानी
नई बोतल में मद्य पूरानी
तीक्ष्ण तीर,उलट वाणी कबीर
मन्मथ रंग,उमंग सदा अबीर
चुस्की,मुस्की से ओतप्रोत
मद-संगम-नद में प्रति गोत
मदन क्रीड़ा के प्रवीण संजय।
थोड़े कड़क,बड़े बेधड़क
दुनिया से न कछु फरक
स्वाभिमानी,प्रीत-तत्वज्ञानी
नकेल कसती बस एक रानी
किंचित,अंकुश अति या थोड़ा
दृग-पट्टी,टमटम का घोड़ा
दन्त,सख्त,अखरोट भक्षण
पाये प्रतिभा अति विलक्षण
प्रतिभा-कंत, रंगीन संजय।
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
कवि दीपक बवेजा
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
ये पीढ कैसी ;
ये पीढ कैसी ;
Dr.Pratibha Prakash
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
* ज्योति जगानी है *
* ज्योति जगानी है *
surenderpal vaidya
हम तो अपनी बात कहेंगें
हम तो अपनी बात कहेंगें
अनिल कुमार निश्छल
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
पर्यावरण-संरक्षण
पर्यावरण-संरक्षण
Kanchan Khanna
2789. *पूर्णिका*
2789. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
टमाटर का जलवा ( हास्य -रचना )
टमाटर का जलवा ( हास्य -रचना )
Dr. Harvinder Singh Bakshi
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
The OCD Psychologist
The OCD Psychologist
मोहित शर्मा ज़हन
रोगों से है यदि  मानव तुमको बचना।
रोगों से है यदि मानव तुमको बचना।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
दुष्यन्त 'बाबा'
तुम्हारी बातों में ही
तुम्हारी बातों में ही
हिमांशु Kulshrestha
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
मौसम मौसम बदल गया
मौसम मौसम बदल गया
The_dk_poetry
तेरे दुःख की गहराई,
तेरे दुःख की गहराई,
Buddha Prakash
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शिशिर ऋतु-३
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
वो पुराने सुहाने दिन....
वो पुराने सुहाने दिन....
Santosh Soni
कलियुग है
कलियुग है
Sanjay ' शून्य'
Loading...