रखते हैं हम असर कोई बेअसर नही
रखते हैं हम असर कोई बेअसर नही
रखते हैं हम ख़बर कोई बेखबर नही
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माना तेरी मीनारे ऊँची हैं बहुत ही
रखते हैं हम भी घर कोई बेघर नही
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ऊँची तेरी उड़ानों से घबराता है कौन
रखते हम भी पर कोई बेपर नही
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आ तू आजमा ले हौसलो को मेरे
रखते हैं हम सब्र कोई बेसबर नही
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बेशक तुझे करते हैं सलाम ख़ासो आम
रखते हैं हम भी कद्र कोई बेकदर नही
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कपिल कुमार
23/12/2016