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5 Jul 2023 · 1 min read

रक्षा में हत्या / MUSAFIR BAITHA

की तो ’राष्ट्रपिता’, ’बापू’ और ’महात्मा’ मान्य उस वर्णवादी महापुरुष ने
रक्षा की कार्रवाई
अपने जानते हमारे लिए
धर्म के औजार का
इस्तेमाल कर

हमें आदमी बताने के क्रम में हरिजन करार दिया

धर्म दुधारी तलवार है
यद्यपि कि
उन्हें पता नहीं था जैसे

सो, बंदर के हाथ में नारियल
लोकोक्ति में तब्दील हुआ
इस रक्षक कार्रवाई का असर
और जा पहुंचा अंततः
रक्षा में हत्या
मुहावरे तक
अपने सघनतम प्रभाव में!

Language: Hindi
142 Views
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