“रंग वही लगाओ रे”
“रंग वही लगाओ रे”
प्रेम रंग में रंगो जी भरकर
गोरे-गोरे गालों को,
होने दो मदमस्त पुरवा सी
बहकी-बहकी चालों को,
करो शरारत डूब प्रणय में
फागुन मासे आयो रे,
कभी ना उतरे चढ़कर जो
रंग वही लगाओ रे…।
“रंग वही लगाओ रे”
प्रेम रंग में रंगो जी भरकर
गोरे-गोरे गालों को,
होने दो मदमस्त पुरवा सी
बहकी-बहकी चालों को,
करो शरारत डूब प्रणय में
फागुन मासे आयो रे,
कभी ना उतरे चढ़कर जो
रंग वही लगाओ रे…।