*रंगों का कारोबार*
हर चेहरे पर रंग लगा है
हर रंग का रंग निराला है
रंग के रंग में ऐसा उलझा
रंग डाला रंग सारा है
रंगों का बाजार सजा है
पग पग रंग बदलते रंग
कितने रंगों को अपनाकर
भूल गया क्या अपना रंग
रंगों के इस व्यापार में
अपना रंग मिला ना कोई
कुछ ने तो अपना रंग दिखलाकर
रंग डाला अपना बतलाकर
सब बे रंग बने हैं
रंगों के इस व्यापार में
कोई भी अपना रंग ना मिला रंगों के कारोबार में
कोई भी अपना रंग ना मिला रंगों के कारोबार में।।