ये मौसम ,हाँ ये बादल, बारिश, हवाएं, सब कह रहे हैं कितना खूबस
ये मौसम ,हाँ ये बादल, बारिश, हवाएं, सब कह रहे हैं कितना खूबसूरत है ये शाम !
पर जानते हो मैं क्या सोच रही हूं!!
मैं सोच रही थी इस पल कि तुम कौन हो तुम कैसे हो तुम कहाँ हो !! कितनी प्यारे हो तुम, कितनी अप्रितम हो तुम, कितने अतुलनीय हो तुम,कितने मेरे मान सरोवर हो तुम!!
जो मेरे मन के मंदिर मे आकर बस गए हो,तुम्हारा सादगी पूर्णजीवन ,शानदार व्यक्तित्व कैसे रह पाती बिना सोचे तुम्हें इस शाम में.. 🍂
( स्वरा कुमारी आर्या)✍️