ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
याद तू करता है दर्द दिल को होता है
ज़ख्म भी दिल पे लगते हैं,और अशर पूरे जिस्म पे होता है
ये मन तुझसे गुजारिश है, की मत कर याद किसी को इतना
क्योंकि उसे अब मेरी परवाह नहीं
याद तू करेगा,और तड़पेगा ये दिल
तू जिसे याद करता रहता है
उसे क्या पता, की ये दिल उसके याद में तड़प तड़प के
अपना क्या हाल किए जा रहा, तू संभाल अपने आपको
तेरा ये जुल्म अब बर्दाश्त नहीं होता
माना कि गलती मेरे दिल की थी
लेकिन इसकी सजा ये तो मत दे
ये मन तू मत कर याद , किसी को इतना की
फिर ये दिल इतना टूट जाए कि
किसी अपने पे भी विश्वास न कर पाएं,मत दे इतनी सजा की
रातों की नीद चली जाएं,और आंशुओ से लिपट जाए ये राते
ये मन मत कर, तू याद किसी को इतना
अब नहीं कर पाते है,पूरी रात रोके , सुबह ये मुस्कराते हुऐ
चेहरे का दिखावा
अब तक चुके हैं ,एसी जिंदगी से
मत कर ये मन, तू याद किसी को इतना
अब नहीं फर्क पड़ता उसे
मेरे होने या ना होने का
@सुधा