ये बनारस है !
यहां रहते अड़भंगी भोले,
हर हर महादेव सब बोलें।
यहां बहती गंगा की धारा,
मिलता यहां सबको सहारा।
कालभैरव यहां के कोतवाल,
हल होते यहां सबके सवाल।
यहीं बसे संकटमोचन हनुमान,
दर्शन से उनके होता कल्याण।
विश्वनाथ जी यहां के वासी,
देते सद्गति सबको अविनाशी।
यहां जो प्राण तजकर जाता है,
स्वर्ग में स्थान वो पा जाता है।
इस नगरी की महिम न्यारी है,
आभा शहर की बहुत प्यारी है।
भक्ति भाव का है यहां सुयोग,
लगता नित्य भगवान को भोग।
दुर्गाकुंड में मां का दरबार,
महिमा उनकी है अपरंपार।
तुलसी मानस का भी धाम,
भजते यहां सब राम का नाम।
बाबा के त्रिशूल पर बसा बनारस,
शिव की भक्ति का है अद्भुत रस।
साधु संतों का होता यहां मान,
देवता भी आकर करते स्नान।
ये शहर नहीं एक संस्थान है,
धरा का मान और सम्मान है।
यहां मिलता जीवन का रस है,
ये बनारस है।