— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
हम सब जानते हैं,
बड़े अछे से पहचानते हैं
किसी से कुछ छुपा नही
किसी से कुछ बचा नही
फिर भी हर पांच साल में
एक बार यह नेता सारे
सबके सामने हाथ
क्यूं जोड़ते हैं ??
अपनी इज्जत की खातिर
अपने कुर्सी की खातिर
पूरे नतमस्तक हो जाते हैं
झुक झुक के सलाम कर जाते हैं
जो कहो वो भी कर जाते हैं
फिर अंत में हाथ जोड़ कर
क्यूं जाते हैं ??
एक बार मिली कुर्सी तो
सब कुछ बस भूल जाते हैं
जैसे खुद को बड़ा भगवान्
सा बन के सामने आते हैं
अन्नदाता की भांति खुद को
महान कहलाते हैं
उस के बाद कभी , खुद देखो
इनके हाथ पांच साल तक
नही जुड़ पाते हैं , क्यूं ??
कुर्सी की लालच में
बड़े बड़े धुरंधर देखे हमने
वक्त पड़ेगा जब किसी आम का
बाहर दरबान से ही बात करवाते
जब तक न आ जाए गले तक हड्डी
तब तक उस को दूर ही भगाते
फिर कभी इनके हाथ नही
जुड़ पाते, नही जुड़ पाते ..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ