ये दुनिया बाजार है
ये दुनिया बाजार है,
यहां सब बिकता है।
अंदर झांक कर तो देखो,
पारखी नजरों से,
यहां सब दिखता है।
ये दुनिया बाजार है . . . . . .
यहां पर्दे पे पर्दा है,
चेहरे पे चेहरा है।
चकाचौंध भरी परतों के पीछे,
राज गहरे से गहरा है।
ऊपर से मासूम,
अंदर खुंखार परिंदा छिपता है।
अंदर झांक कर तो देखो,
पारखी नजरों से,
यहां सब दिखता है।
दुनिया बाजार है . . . . . .
कभी मोल तोल होता है,
कभी बेमोल भी होता है,
कभी अनमोल होता है।
कभी नापतोल भी होता है।
समय अनुसार जैसे जिसकी जरूरत,
बस वैसा ही उसका माहौल दिखता है।
अंदर झांक कर तो देखो,
पारखी नजरों से,
यहां सब दिखता है।
दुनिया बाजार है . . . . . .
यहां काले गोरे चेहरे हैं,
कहीं नजर तो कहीं पहरे हैं।
कहीं सुन्दर खुबसूरत है,
कहीं डरावनी मुरत है।
भोली भोली सूरत में,
अपराधी काला दिल लिए छुपता है।
अंदर झांक कर तो देखो,
पारखी नजरों से,
यहां सब दिखता है।
दुनिया बाजार है . . . . . .
नेताम आर सी