Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2021 · 1 min read

ये दुनियाँ हमारी सलामत न होती

गज़ल
काफ़िया- अत
रदीफ़- न होती
122……122……..122……122

ये दुनियाँ हमारी सलामत न होती!
शरीफ़ों मे गर ये शराफ़त न होती!

मगरमच्छ बैठे जो आंखें गड़ाए,
निगल जाते सबको हिफाज़त न होती!

जो देगा वही तो मिलेगा भी यारो,
कि दुनियाँ में उनकी फजीहत न होती!

ये है प्यार कैसा न मिलना मिलाना,
भला था कि ऐसी मुहब्बत न होती!

दवा हो न हो सबको दारू मिलेगी,
कहीं इससे बढ़कर सहुलियत न होती!

ये दुनियाँ के कर्मो का फल है नहीं तो,
कयामत के जैसी मुसीबत न होती!

किया प्यार जिससे रहे उसके प्रेमी,
कोई इससे बढ़कर इबादत न होती!

…. ✍ प्रेमी

207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

किन्नर(कुछ दोहे)
किन्नर(कुछ दोहे)
Dr Archana Gupta
ज़िंदगी तेरी हद
ज़िंदगी तेरी हद
Dr fauzia Naseem shad
त्याग
त्याग
मनोज कर्ण
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
हम अपनों से न करें उम्मीद ,
हम अपनों से न करें उम्मीद ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरे जाने की फ़िक्र
मेरे जाने की फ़िक्र
Sudhir srivastava
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*
*"सीता जी का अवतार"*
Shashi kala vyas
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बावरा मन
बावरा मन
RAMESH Kumar
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
बेवफा सनम
बेवफा सनम
Santosh kumar Miri
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सब गोलमाल है
सब गोलमाल है
Dr Mukesh 'Aseemit'
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मैंने दारू चढ़ाई मज़ा आ गया
मैंने दारू चढ़ाई मज़ा आ गया
आकाश महेशपुरी
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
ये दुनिया बाजार है
ये दुनिया बाजार है
नेताम आर सी
संवेदनाएं
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चमत्कार होते न अचानक
चमत्कार होते न अचानक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी जियो
जिंदगी जियो
Deepali Kalra
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
"दो धाराएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
Loading...