ये जाने कौन?
धीरे-धीरे ये जग महका दे
मैं इतना मानूँ ,
ये जाने कौन ?
फिर बार-बार
कोई खेरियत रंग दे ,
कई रंगों से, ये कौन रंग दे ?
ना जाने कौन ?
चुपके से कोई आहट करे
मौसम को बदले, हवाओ में बहे
छुपकर भी कोई आवाज दे,
दिल कहे कि रूह जवाब दे,
कभी मुडकर झांके,
तो किसे–किसे
भी ये नज़रें पहचाने कौन ?
समझाने कभी,
कोई नजदीक आए,
क्या-क्या कहे,
क्या जाने कौन ?
धीरे-धीरे ये जग महका दे
मैं इतना मानूँ ,
ये जाने कौन ?