ये कौन खता करवाता है,कैसे होती है मनमानी, अब कितनी होंगी क़ुरबानी ! *******************
ये कौन खता करवाता है,कैसे होती है मनमानी,
अब कितनी होंगी क़ुरबानी ! *************************
कितनी माँओं की गोद शून्य,
कितने श्रृंगार हैं बेमानी
है बिलख रहा माँ का आँचल,
जो वीर प्रसूता बलिदानी
ये कौन खता करवाता है,कैसे होती है मनमानी,
अब कितनी होंगी क़ुरबानी ! *************************
लेने होंगे कुछ कटु निर्णय,
गर होना है सबको निर्भय
अब नहीं चलेगी शैतानी,
है याद हमें अपना अतीत
आखिर हम हैं हिंदुस्तानी
ये कौन खता करवाता है,कैसे होती है मनमानी,
अब कितनी होंगी क़ुरबानी ! *************************
हम हार नहीं मानें रण में,
रिपु दल का दमन करें क्षण में
पर समझौतों की खता रही,
बाकी बस अपनी व्यथा रही
है एक पहेली अनजानी
ये कौन खता करवाता है,कैसे होती है मनमानी,
अब कितनी होंगी क़ुरबानी ! *************************