“ये कैसा जमाना”
“ये कैसा जमाना”
कई जरूरी मसले हैं लेकिन साथ दिखे नहीं,
लोग एकजुट हो रहे फकत जनाज़ा उठाने।
कितने बदल गए हैं अब रिश्ते- नाते भी,
एक पहचान हेतु पड़े हजार यकीन दिलाने।
“ये कैसा जमाना”
कई जरूरी मसले हैं लेकिन साथ दिखे नहीं,
लोग एकजुट हो रहे फकत जनाज़ा उठाने।
कितने बदल गए हैं अब रिश्ते- नाते भी,
एक पहचान हेतु पड़े हजार यकीन दिलाने।