” ये कवि “
जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंच जाते हैं ये कवि ,
एक ही शब्द में बहुत कुछ सीखा जाते हैं ये कवि ।
पल भर की घटना को कागज़ पर लिख कर यादगार बना देते हैं ये कवि ,
एक नज़र में पुरी खुबसूरती का ब्योरा दे देते हैं ये कवि ।
अपनी लेखनी से पुरे सौंदर्य को भांप लेते हैं ये कवि ,
कुछ शब्दों की हेरा-फेरी से पुरी तस्वीर आंखों में बसा देते हैं ये कवि ।
थोड़े में ही बहुत कुछ कह कर भावना जुड़ा जाते हैं ये कवि ,
सुनो प्रिय अपनी लेखनी से ही महासागर में भी गोता लगा आते हैं ये कवि ।
जितना कम कहना चाहुं उससे भी ज्यादा कहने को मजबूर कर देते हैं ये कवि ,
शब्द भी कम पड़ जाते हैं इनके लिए क्योंकि शब्दों की गणना करने वालें होते हैं ये कवि ।
( ये कुछ शब्दों की माला आप साहित्यपीडिया और सभी कवियों / कवियत्रियो , लेखकों , शायरों नव युवक आदि सभी को हार्दिक शुभकामनाओं और प्रेम के साथ ? समर्पित है । )
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली