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2 May 2024 · 1 min read

अपने दिल से

तेरे नज़दीक आ भी सकते हैं।
अपने दिल से लगा भी सकते हैं।

कोई परदा नहीं है तुझसे मेरा,
अपनी नज़रे झुका भी सकते हैं।

ज़िंदगी तुझसे है मेरे हमदम,
ये हक़ीक़त छुपा भी सकते हैं।

रौनके कम नहीं हैं चाहत की।
अपना चेहरा दिखा भी सकते हैं।

बस तेरी एक ही खुशी के लिए,
अपनी खुशियाँ लुटा भी सकते हैं।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
2 Likes · 26 Views
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