कानून लचर हो जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
भय भव भंजक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन की विषम परिस्थितियों
💐प्रेम कौतुक-412💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चंद तारे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है