यूं ही नहीं कहलाते चिकित्सक/ भगवान
✍️सभी चिकित्सकों को समर्पित ?
यूं ही नहीं कहलाते
चिकित्सक/ भगवान
??????
अपनी रातों की नींद छोड़
दूसरों के ख्वाब सजाते हैं
भूख प्यास सब छोड़
सेहत दरकिनार कर जाते हैं
किसी रोगी के भाई, पुत्र सम
तो कभी लावारिस के
वारिस बन
उपचार कराते हैं
तब कहीं चिकित्सक
?भगवान का दर्जा पाते हैं….
सब के दर्द की दवा बनते
अपना दर्द छुपाते हैं।
अपने को रखते तटस्थ मोड पर ?
मां पिता भाई बहन मित्र
सारे रिश्ते निभाने की
भाग दौड़ में (पति_पत्नि)
आपसी संवाद भी
कहां कर पाते हैं।
तब कहीं चिकित्सक
?भगवान का दर्जा पाते हैं…..
अभी अभी नव गर्भवती को
बेड रेस्ट की सलाह
देकर आई है
आज फिर भूल गई, खुद गोली
अपने तीन महीने की प्रेग्नेंसी भी
कहां एन्जॉय कर पाई है।
अपने हाथों नन्ही परी को
जन्मा देख सुकून पाते हैं
तब कहीं चिकित्सक
?भगवान का दर्जा पाते हैं…..
सभी को देते सलाह
और काउंसलिंग करते
हॉस्पिटल आने की जल्दी में
अपने बच्चे को दूध की तो छोड़ो,
गले भी नहीं लगा पाते हैं।
फोन पर ही पूछा हाल,
किए कुछ प्रॉमिस,
अपना गिल्ट मिटाते हैं।
तब कहीं चिकित्सक
?भगवान का दर्जा पाते हैं…….
कोरोना वायरस के डर से
सब बुरी तरह घबरा गए
किया कईयों ने
बुरा बर्ताव
थूका, फेंकी गंदगी
फिर भी सेवा को डटे रहे
परिजनों से मिलने
महीनों घर नहीं जा पाते हैं
तब कहीं चिकित्सक
? भगवान का दर्जा पाते हैं…..
सभी चिकित्सको को हार्दिक आभार!बधाई!
____ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान