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19 May 2024 · 1 min read

यूं ही कह दिया

यूं ही कह दिया
शायद सोचना था
पर यह समझ की बात
ज़हन में आई कहां कभी
मौके तलब में थे और
हस्ती हंसी में खो गई
गौर किया जब तक समा जल चुका था
परवाने सोच ना सकें सब धुआं कर आई मैं
बेगानी कुछ ना बची
कुछ सोच कर भी नासमझी में
आपबीती कर आई
इस शायद शायद की बात में
जाने क्या-क्या कह आई मैं
पर
मैंने यूं ही कह दिया
शायद सोचना था
~ कुmari कोmal

Language: Hindi
2 Likes · 113 Views

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