Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2024 · 1 min read

एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़

एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
नाश्ते में खिचड़ी दे देने से परेशान
85 छात्रों ने होस्टल वार्डन से
शिकायत करी और
बदल-बदल के नाश्ता देने को कहा.

100 में से सिर्फ 15 छात्र ऐसे थे,
जिनको खिचड़ी बहुत पसंद थी।
और वो छात्र चाहते थे, कि
खिचड़ी तो रोज़ ही बने.
बाकी के 85 छात्र
परिवर्तन चाहते थे।

वार्डन ने सभी छात्रों से वोट करके
नाश्ता तय करने को कहा.

उन 15 छात्रों ने, जिनको …
खिचड़ी बहुत पसंद थी,
खिचड़ी के लिए वोट किया।

बाकी बचे 85 लोगों ने
आपस में कोई सामंजस्य नहीं रखा,
और कोई वार्तालाप भी नहीं किया,
और अपनी बुद्धि एवम् विवेक से
अपनी रूचि अनुसार वोट दिया।

13 ने डोसा चुना,
12 ने परांठा,
14 ने रोटी,
12 ने ब्रेड बटर,
11 ने नूडल्स , और
12 ने पूरी सब्जी को वोट दिया.
11 ने छोले भटूरे
🤔 अब सोचो🤔
क्या हुआ होगा ?

उस कैंटीन में आज भी
वो 85 छात्र, रोज़ खिचड़ी ही खाते हैं.
क्यों – क्योंकि वो 15 छात्र बहुमत में, एकजुट रहे

शिक्षा👇

जब तक हिस्सों में 85% बंटे रहोगे,
तब तक 15% वालों का वर्चस्व रहेगा.

समाज के लिये संदेश👇

👉🏽 एक बनो, नेक बनो, शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो

नही तो हमेशा खिचड़ी ऐसे ही खानी पड़ेगी😎

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
एक सही आदमी ही अपनी
एक सही आदमी ही अपनी
Ranjeet kumar patre
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
माह सितंबर
माह सितंबर
Harish Chandra Pande
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
होली
होली
Madhavi Srivastava
यह जिंदगी का सवाल है
यह जिंदगी का सवाल है
gurudeenverma198
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
जल बचाकर
जल बचाकर
surenderpal vaidya
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
■ बे-मन की बात।।
■ बे-मन की बात।।
*Author प्रणय प्रभात*
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
"दास्तान"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
हिमांशु Kulshrestha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*अध्याय 3*
*अध्याय 3*
Ravi Prakash
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बीत जाता हैं
बीत जाता हैं
TARAN VERMA
Loading...