यूँ सच बोलेगा तो
यूँ सच बोलेगा तो सारा जमाना रूठ जायेगा
ये आईना किसी दिन देख लेना टूट जायेगा
नुमाया हो गयी गर ख़्वाब की दौलत निगाहों में
लुटेरा कोई आकर के खजाना लूट जायेगा
चली जायेंगी साँसें छोड़कर जिस दिन तिरा कुनबा
ये धन-दौलत,जमीं,जोरू,ठिकाना छूट जायेगा
गुनाहों की सजा इक रोज पाओगे यकीनन तुम
बड़ा कितना भी हो घट पाप का पर फूट जायेगा