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24 Oct 2020 · 1 min read

यूँ अपना हमें हमसफ़र कीजिये

रहें साथ हम वो डगर कीजिये
यूँ अपना हमें हमसफ़र कीजिये

इनायत कभी तो इधर कीजिये
हमारी तरफ़ इक नज़र कीजिये

किसी ने चुराया अभी दिल मेरा
पता कुछ लगे तो ख़बर कीजिये

समझना अगर दर्दे-उल्फ़त है क्या
किसी के भी दिल में तो घर कीजिये

अभी दीजिये इम्तिहां और भी
अभी और कुछ पुरख़तर कीजिये

अभी एक पलड़ा उठा कुछ हुआ
अभी वज़्न सारा उधर कीजिये

अभी आर या पार होगी यहाँ
भले आज पूरी कसर कीजिये

बचानी तुम्हें जान उनकी अभी
करो जो भी करना मगर कीजिये

जलाओ भी दीपक जहाँ तीरगी
उजालों को सबकी नज़र कीजिये

बहाकर के नदियाँ यहाँ प्यार की
सभी नफ़रतों को सिफर कीजिये

रहे नामे-आनन्द रौशन सदा
कोई काम ऐसा तो पर कीजिये

– डॉ आनन्द किशोर

1 Like · 252 Views
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