युवा भारत के जानो
युवा भारत के जानो—
गुलामी के जंजीरों में जकड़े भारत में जन्मा वात्सल्य दुर्गति दुर्दशा की अनुभूति का पल प्रहर सुबह शाम ।।
अज़ादी के संघषों का नवजवान अज़ादी के दिवानों के त्याग बलिदान का साथी साक्षी गवाह अज़ाद भारत के उम्मीदाे अरमानों नज़रों का विश्वास.।।
जीवन की ढलती शाम में अज़ाद मुल्क के वात्सल्य नौजवान से जानने को जबाब बेताब सिर्फ एक सवाल अज़ादी का क्या मतलब अज़ाद मुल्क का क्या भविष्य वर्तमान? .
क्या वैसाखी जलीया वाला बाग याद नौजवान की आत्म विश्वास का जबाब ।।
कौन कहां कैसा जलीया वाला बाग? हम वतन भरत भारत विकास धारा के धन्य धरोहर भविष्य भाल।।
मेरे सांसो धड़कन की प्रतिध्वनि आवाज़ गुरुओ की पावन धरती त्याग तपस्या बलिदानों का अभिमान।।
गुरु ग्रंथ गुरु वाणी की पावन धरती गुलाम मुल्क की जंगे अज़ादी का कर्म धर्म कुरुक्षेत्र अंगार।।
लाला लाजपत का स्वाभिमान जवाँ जोश जज्बा अरमानों की शान भगत साहस शक्ति राष्ट्र शौर्य सुरमा जवाँ प्रेरणा पुरूषार्थ प्रमाण।।
आग अंगार योद्धाओं की वीरता धीरता रण चुनौतियों को चीरता प्रण की अखंडता पुरूषार्थ।।
प्रचंडता त्याग बलिदान पराक्रम विजयी विजेता भक्ति शक्ति राष्ट्र कि अस्मिता पंजाब सिंध गुजरात मराठा जाबज़।।
पंजाब का जलिया वाला बाग माटी की सोधी खुसबू हरियाली खुशहाली खेतो में झूमती गेहूं की बाली मुस्कान।।
सरसों का साग मक्के की रोटी लस्सी का सुबह शाम जीवन कर्म श्रम धर्म गुरु ग्यान प्रवाह।।
वैशाखी गवाह जलीया वाला बाग मासूम महिलाएं मर्द बेखबर बेखौफ दिलों में अज़ादी जज्बात वंदेमातरम् जन गण मन की बुलंद आवाज़.।।
आन मान स्वाभिमान तिरंगे का अरमान पंजाब बोला जै भारत शांत शौर्य का गान ।।
अज़ादी अधिकार बिगुल का सत्यार्थ डायर दानव नरभक्षी के दंभ को लालकर ।।
वहसी को रास न अया पंजाब का जलीया वाला बाग अज़ादी का शांति स्वर कर दिया लहू लुहान ।।
पंजाब की सोधी मिट्टी का कण कण हिन्दुस्तानी रक्त से हुआ लाल मानवता का मान मर्दन तार तार शर्मसार।।
सुनो जवाँ जाबज़ आज के अज़ादी संघषों का जीवंत जलीयावाला बाग।।
वैशाखी है वीरों की वीरता प्रतीक प्रमाण त्याग बलिदानी यादों के आने का त्योहार ।।
झांसी की रानी की ज्वाला जानो, जानो भारत की नारी की गाथा रण संग्राम।।
जानो मंगल पांडेय की क्रान्ति की धार तात्या तोपे को जानो, जानो ज़फर बहादुर शाह।।
गुजरात गर्व भारत श्रेष्ठ भारत का गौरव जानो,जानो पटेल महात्मा की महानता माहिमा मानव मार्ग।।
निर्माण का उद्देश्य मानो युवा उत्साह का उत्सव जानो. जानो आजाद भगत, बिस्मिल, के फौलादी इरादों राष्ट्र.।।
जगदंब शिवा मराठा जानो, सीमांत सिंध को जानो, जै जवान जै किसान नौजवान वर्तमान की जै जानो. ।।
तुम मुझे खून दो मै तुम्हें अज़ादी दूंगा कि नीति नियत का इंक़लाब जानो,।।
विवेका गुरुदेव टैगोर,परमहंस का बंगाल जानो मौर्य चाणक्य भारत का वीर बिहार जानो.।।
मर्यादा का राम कुरुक्षेत्र का कृष्ण गीता कर कर्मेंव अधिकारस्य जानो।।
तब जान सकोगे गुरुओ के त्याग तपस्या बलिदानों की भूमी जलीया वाला बाग टूटी लाठी के घाव।।
लाज़पत की अंतिम सांसो की टंकार झनकार रक्त रंजित जालिया वाला बाग. ।।
यदि कुछ भी गर्मी है तेरे संसो में पुरुष पुरूषार्थ कदम के जवाँ जाबज़ इरादों में.।।
गर चाहत दिन में होली रात दिवाली अज़ाद मुल्क अरमानों में।।
इच्छा की अज़ादी पुरूषार्थ पराक्रम परीक्षा वर्तमान चुनौती युवा, प्रेरणा
दोहराना होगा इतिहास वर्तमान में तब युवा अभिमान राष्ट्र में।।
निर्मल निर्झर धैर्य धरा कि धारा नव निर्माण विकास का युवा का युग युवा का राष्ट्र ।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।