युद्ध उपरान्त
युद्ध उपरान्त
गवाह है इतिहास
राजभवन होते हैं गुलजार
युद्ध उपरान्त भी
करके समझोते
निकलते हैं राजभवन से
मुस्कराते हुए राष्ट्राध्यक्ष
जीते हुए भी
हारे हुए भी
मुस्कराते हुए चेहरे
छपते हैं अखबार में
राष्ट्राध्यक्षों के
उधर योद्धाओं के घर
पसर जाता है सन्नाटा
छा जाता है मातम
युद्ध उपरान्त
टंग जाते हैं कील पर
वीरगति पाए शहीद
चित्र बनकर
युद्ध उपरान्त
-विनोद सिल्ला