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19 Nov 2021 · 1 min read

याद

याद आई प्रिये
घन गरजे
बिजली कड़के
बरसे मेह
तुम न आये

याद आई प्रिये
भीगा तनमन
जी अकुलाये
लगी अगन
तुम न आये

याद आई प्रिये
मन बेचैन
न कटे रैन
करवट बदले
तुम न आये

याद आई प्रिये
नैना तरसे
जल बरसे
सूखे ओंठ
तुम न आये

याद आई प्रिये
लब फड़के
उर धड़के
सूनी बहियां
तुम न आये।

याद आई प्रिये
हारे न मन
आशा किरन
जगी लगन
तुम न आये

स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर9044134297

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 334 Views
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