याद तुम्हारी आती रही
आज भी है और कल भी रही थी, याद तुम्हारे दिल में छिपी थी,
हंसते रहे या रोते रहे, खाते रहे या पीते रहे,
याद जुबान पे आती रही, याद तुम्हारी आती रही,याद तुम्हारी आती रही…
शीत हवाएं जब-जब आई , कलियों पर भोर मंडराई,
काली लताओं में भीनी सी, मस्त सुगंध भरी शीशी सी,
धूप छांव में कुछ गाती रही,याद तुम्हारी आती रही,याद तुम्हारी आती रही…
बीता साल पुराना है, यादों का भरा खजाना है,
स्वागत है अब नए साल का, हो निपटारा बुरे काल का,
नये साल मे नई खुशियाँ छाती रही,
पर हर पल याद तुम्हारी आती रही,याद तुम्हारी आती रही ।