याद आयी
शीर्षक – याद आयी
याद आयी आपकी हमें बार-बार,
अश्क़ झरे आँखों से ज़ार-ज़ार।
नहीं पता दिल तेरी यादों से धड़कता है,
कर न पाऊँ इस हक़ीक़त से इंकार।।
इबादत करे दिल हरपल तेरा,
तुझ बिन न हो मेरा सवेरा।
तेरी आहट ही है धड़कन मेरी,
मेरी आँखों में हरपल चेहरा तेरा।।
तू भूला रहे फर्क इससे नहीं,
चाहतों का न कुछ तुझसे सिला।
है मेरी रगों में बस चाहत तेरी,
पर होगा न कभी कोई तुझसे गिला।
-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच, उ०प्र०)