“याद आओगे”
“याद आओगे”
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अरे याद करो….
कभी हम अच्छे
दोस्त हुआ करते थे !
किनारा तूने कर लिया ,
ज़ख़्म हृदय में भर दिया !
कहाॅं कोई ग़लती थी मेरी….
ये जानने की कोशिश तक न की!!
दर्द अपने दिल के बाॅंटते थे….
सुख दुःख के साथी हम होते थे ,
ज़रूरत में परस्पर काम आते थे ,
एक दूसरे का हाल-चाल पूछते थे ,
ना जाने किसकी बुरी नज़र लग गई !
कड़क बिजली बनकर हमपे गिर गई !
हम दोनों की राहें कितनी जुदा हो गई!!
पर उन लम्हों को ज़रा जी लें….
उन सुहानी सी यादों को संजो लें….
ऐसे खूबसूरत पल बार-बार कहाॅं आते !
एक बार जो जी लिए वे लम्हे गुज़र जाते !
सच्चे दोस्त कोई मुश्किल से ही मिल पाते !
कई तो दोस्ती से सिर्फ़ हासिल करना चाहते…
ऐ दोस्त, भले ही तुम दूर इस दिल से चले गए ,
पर सदैव यादों में आओगे, हॅंसाओगे, रुलाओगे !
सपनों में आके ख़्वाब मेरे सजाओगे,याद आओगे !
सचमुच,सालों तक इस नाज़ुक दिल को धड़काओगे !
ऐ दोस्त, यकीन करो मुझपे… तुम बहुत याद आओगे!!
( स्वरचित एवं मौलिक )
@सर्वाधिकार सुरक्षित ।
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
~ कटिहार ( बिहार )
दिनांक :- 26 / 06 / 2022.
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