यादें मोहब्बत की
“यादें मोहब्बत की”
तेरी जुल्फों की खुशबू आज भी मेरी सांसों को महकाई हुई है,
साथ गुजारे लम्हों की यादें आज भी दिलो दिमाग में छाई हुई है।
तेरे ही सपनों में खोकर गुजरती मेरी रातें थी,
कितनी हसीन सुंदर हमारी मुलाकातें थी।
कितना खुशनुमा होता था वो वक्त जब हम मिलते थे,
खुशियों के रंग बिरंगे फूल चारों ओर खिलते थे।
तकदीर के लिखे से मैं मजबूर हो गया,
न चाहते हुए भी जो तुझसे मैं दूर हो गया।
आज भी मेरा दिल रोमांचित होता रहता है तेरे ही प्यार में,
तेरी मोहब्बत में पागल दिल धड़कता है तेरे ही इन्तजार में।
भूले से भी भुला नहीं पाऊंगा जिन्दगी भर कभी मैं तेरी यादों को,
तूने भुलाया तो रोक नहीं पाऊंगा आंखो से बहते सावन भादो को।
तुझे याद करते ही वो सुंदर चेहरा आंखों में घूमने लगता है,
तेरा नाम ले लेकर मेरा दिल भी जोरों से धड़कने लगता है।
तुझसे दूर सही पर आज भी इस दिल में तेरी याद रहती है,
हो जाए कहीं दीदार तेरा दिल में बस यही फरियाद रहती है।
अधूरे इश्क की यादों में तुझसे मिलने की प्यास रहती है,
एक बार पूरी हो जाए फरियाद बस यही आस रहती है।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, छत्तीसगढ़