यादेँ
जब मन के वेग ठहर जाते,
संसार मन से विलग हो जाता,
सूकून के पलों में आँखे मूंदे,
तुम अब भी याद आते हो।
जब अरमां के बादल ,
मन पर छाने लगते,
तन्हाई और सताने लगते ,
तुम अब भी याद आते हो।
कुछ पल का रहा वो साथ,
बन गई जीवन भर की याद,
तुम्हारी पिघलते मधुर आवाज,
जब कानों में घुलने लगते,
तुम अब भी याद आते हो।
न कोई कसमे थे ,न कोई वादे थे
तुम्हारा आना बिना कोई इरादे थे
तुम बस सरस सजल बरस गए
अचानक आशीर्वाद की तरह
दिल खुश होकर जब चहकने लगता,
तुम अब भी याद आते हो।
दिल से दिल ने आवाज सुनी,
अनहद से जो नाद सुनी,
उस अनहद में बरबस,
अब भी तुम याद आते हो।
पूनम कुमारी(आगाज ए दिल)