Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

यह नफरत बुरी है ना पालो इसे

यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
दिलों में खलिश है निकालो इसे–यह नफरत
न तेरा न मेरा न इसका न उसका
है सबका वतन ये बचा लो इसे–यह नफरत
हमीं हैं सहारा इस प्यारे वतन का
मजबूत कंधों पर उठा लो इसे–यह नफरत
गिरी साख इसकी है नेतागिरी से
लड़खड़ाया वतन सम्भालो इसे–यह नफरत
बुझा बैठे हो क्यों दिल का दीपक
ज्ञान की बाती से जला लो इसे–यह नफरत
न देखो धर्म और जाति किसी की
तुम अपने गले से लगा लो इसे–यह नफरत
करना है जो आज न सोचो ज्यादा
कल पर कभी भी ना टालो इसे–यह नफरत
न अपमान किसी का करना ज़ुबाॅ॑ से
मीठी ही मीठी बस बना लो इसे–यह नफरत
करो कर्म मेहनत जी जान से तुम
आदर्श जीवन का बना लो इसे–यह नफरत
ना तिरंगे को झुकाने देना कभी भी
सिर से भी ऊॅ॑चा उठा लो इसे–यह नफरत

3 Likes · 83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
*अंजनी के लाल*
*अंजनी के लाल*
Shashi kala vyas
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
ज़िन्दगी - दीपक नीलपदम्
ज़िन्दगी - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
2735. *पूर्णिका*
2735. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
Mai pahado ki darak se bahti hu,
Mai pahado ki darak se bahti hu,
Sakshi Tripathi
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
आबूधाबी में हिंदू मंदिर
आबूधाबी में हिंदू मंदिर
Ghanshyam Poddar
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खता मंजूर नहीं ।
खता मंजूर नहीं ।
Buddha Prakash
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
....????
....????
शेखर सिंह
चन्द्रयान
चन्द्रयान
Kavita Chouhan
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सफलता
सफलता
Babli Jha
निकल गया सो निकल गया
निकल गया सो निकल गया
TARAN VERMA
शिर्डी के साईं बाबा
शिर्डी के साईं बाबा
Sidhartha Mishra
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...