यह कैसन सपेरा है
सोच सोच,रोज रोज
चलन का बेरा है।
सोज सोज,खोज खोज
रहनी बसेरा है।।
नोच नोच खाजी खां
कलियन म डेरा है।
बागो के फुलन पर
भौरों का बसेरा है।।
सोच सोच रोज रोज
चहुं ओर फेरा है।।
कहें कवि खोज खोज
यह कैसन सपेरा है।।
चूसकर पराग निधि का कुम्हलन को छोड़ा है
कैसन यह प्रीति रीति
बिपत में संग छोड़ा है ।।
डॉ कुमार कन्नौजे अमोदी