*”यशोदा जयंती”*
“यशोदा जयंती “
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. यह दिन भगवान श्री कृष्ण की मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस साल यशोदा जयंती आज 4 मार्च को मनाई जा रही है. माता यशोदा की जयंती गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारका सहित सभी कृष्ण मंदिरों, खासकर दुनिया भर में फैले इस्कॉन मंदिरों में विशेष रूप से मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन माता यशोदा और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है …वसुश्रेष्ठ द्रोण और उनकी पत्नी धरा ने ब्रह्माजी से यह प्रार्थना की – ‘देव! जब हम पृथ्वी पर जन्म लें तो भगवान श्री कृष्ण में हमारी अविचल भक्ति हो।’ ब्रह्माजी ने ‘तथास्तु’ कहकर उन्हें वर दिया। इसी वर के प्रभाव से ब्रजमंडल में सुमुख नामक गोप की पत्नी पाटला के गर्भ से धरा का जन्म यशोदा के रूप में हुआ। और उनका विवाह नंद से हुआ। नंद पूर्व जन्म के द्रोण नामक वसु थे। भगवान श्री कृष्ण इन्हीं नंद-यशोदा के पुत्र बने…..भगवान कृष्ण को जन्म मां देवकी ने दिया था. लेकिन उनका लालन-पोषण मां यशोदा ने किया था. भगवान कृष्ण की मां के रूप में मां यशोदा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ये मैया यशोदा का लालन-पालन और प्रेम था कि गोकुल का श्याम, कृष्ण से लीलाधर कृष्ण, मुरली मनोहर, राधा के कृष्ण, गोपियों के कृष्ण, गीता प्रवक्ता कृष्ण, योगेश्वर कृष्ण बन पाए. भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा के अपार प्रेम की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती. वास्तव में भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा का प्रेम अद्भुत और अतुलनीय है. हर साल मैया यशोदा के सम्मान में यशोदा जयंती मनाई जाती है।
जय माँ यशोदा मैया ….
? ? ?? ? ?? ? ?? ? ?