यक्षिणी-20
यक्षिणी
सवर्णघिचोरों के पल्ले पड़ गयी हो तुम
सवर्णनिचोड़ हो रही है तेरी
तुम्हें हिन्दू मिथक कथा की अपनी पात्र द्रौपदी बनाकर वे सब
दुशासनों की तरह तुम्हें उघाड़ने में लगे हैं बेतरह
उनकी कलम की नोंक
और उनकी आंखें
तेरे वक्ष पर टिकी-टंगी हैं।