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14 May 2024 · 1 min read

चाय की प्याली!

प्यारी लगती सुकून देती,
गरम गरम चाय की प्याली,
मन को प्रसन्न कर जाती,
ये सुबह की चाय की प्याली।

मधुर रस में मन को डूबा जाती,
एक एक घूँट में चाशनी घुली,
आत्मा तक को तृप्त कर जाती,
ये सुबह की चाय की प्याली।

अदरक, लौंग, काली मिर्च, इलायची,
प्रेम से कूट-कूट के चाय में डाली हुई,
थोड़ा पानी, थोड़ा दूध और थोड़ी चीनी,
लो बन गयी ये सुबह की चाय की प्याली।

माँ की यादों की शक्कर इसमें घूली हुई,
बाबूजी की डाँट की चायपत्ती भी मिली हुई,
साथ मिल के पूरा परिवार बैठ पी रहा,
ये सुबह की चाय की प्याली।

माँ-बाबूजी, दादा-दादी, चाचा-चाची,
सोनू, मोनु, टिनकु, डीपू और मीठी,
कुछ बातें ज्ञान की सुन रहे और पी रहे,
ये सुबह की चाय की प्याली।

सब को साथ लेकर चलती रहे,
अमीर-गरीब सभी के घर में बनती रहे,
प्रेम से सब साथ बैठ पीते रहे,
ये सुबह की चाय की प्याली।

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