यकीन ना रहा
सब कुछ आसानी से मिल जाए
ऐसा कभी मेरा नसीब ना रहा….
सुख दुख में बराबर का हिस्सा बने
इतना कोई मेरे करीब ना रहा….
कोशिश की है बहुत बार मैंने
अपनी इस जिंदगी से लड़ने की
पर इस तरह हार गए की अब
खुद के फैसलों पर यकीं ना रहा….
सब कुछ आसानी से मिल जाए
ऐसा कभी मेरा नसीब ना रहा….
सुख दुख में बराबर का हिस्सा बने
इतना कोई मेरे करीब ना रहा….
कोशिश की है बहुत बार मैंने
अपनी इस जिंदगी से लड़ने की
पर इस तरह हार गए की अब
खुद के फैसलों पर यकीं ना रहा….