मौत के बाद
मौत के बाद
आज आँख भर आई
ज़ब वो मेरी क़ब्र पर
दौड़ी चली आई
ऐ खुदा!
एक साँस क़ुबूल कर मुझे
मैं रोते हुए गले लगा लूं उसे
तड़पती रहीं ये बाहें अब तक
तरसती रहीं निगाहें अब तक
हम उन्हीं के हैं
ये बात वो जान गई आज
मगर वो किसके हैं
ये बताने कभी नहीं आई
ऐ खुदा!
एक साँस कुबूल कर मुझे
मैं जी भर देख तो लूँ उसे
सुनसान थी राहें अब तक
तरसती रहीं निगाहें अब तक
देखा उनकी आँखों में
एक आइना था धुंधला सा
मैं ज़वाब था उस कहानी में
वो सवाल थी उलझा सा
दीवानगी थी इस क़दर
उनसे पहले मौत चली आई
ऐ खुदा! मौत के बाद
आज आँख भर आई
ज़ब वो मेरी क़ब्र पर दौड़ी चली आई