Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3357.⚘ पूर्णिका
🌹 रब देखते हैं🌹
22 122
रब देखते हैं ।
सब देखते हैं ।।
सपना नया सा।
कब देखते हैं ।।
यूं प्यार करते।
लब देखते हैं ।।
नजरें नजारे ।
तब देखते हैं ।।
मन साफ खेदू ।
जब देखते हैं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
30-04-2024मंगलवार

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
#एक_शेर
#एक_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ून इंसानियत का
ख़ून इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"मौत से क्या डरना "
Yogendra Chaturwedi
सब्र रख
सब्र रख
VINOD CHAUHAN
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
Dr Tabassum Jahan
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नव वर्ष पर सबने लिखा
नव वर्ष पर सबने लिखा
Harminder Kaur
कौन याद दिलाएगा शक्ति
कौन याद दिलाएगा शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
आंखों देखा सच
आंखों देखा सच
Shekhar Chandra Mitra
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
रिवायत
रिवायत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नाम बनाने के लिए कभी-कभी
नाम बनाने के लिए कभी-कभी
शेखर सिंह
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
सहज है क्या _
सहज है क्या _
Aradhya Raj
कुली
कुली
Mukta Rashmi
बदनाम होने के लिए
बदनाम होने के लिए
Shivkumar Bilagrami
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
Umender kumar
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
Loading...